Thursday, April 16, 2009

दोस्ती

मुझे तो आदत है आपको याद करने की,

अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......

ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है

कभी दूर तो कभी क़रीब होते

दर्दना बताओ तो हमे कायर कहते है

दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है .......

एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,

हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,

मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,

हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकरना ख्वाबों में देखा,

ना नजरों मे देखा,हजारों में हमने एक दोस्ती को देखा।।

गम देने वाले तो हरपल हैं यहाँ,

हरपल खुशी देने में एक उम्मीद को देखा।

रिस्तो कि ये दुनिया हैं निरालीसब रिस्तो से प्यारी है दोस्ती।

मंजूर है ये आँसू भी आँखो मे हमारी,

अगर आ जाये मुस्कान होठो पे किसी के।

दोस्ती मे कितनी सच्चाई होती हैजो इसे समझ सके।

ना ख्वाबों में देखा, ना नजरों मे देखा,हजारों में हमने एक दोस्ती को देखा। ----

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