वो प्यार जिस के लिए हम ने छोड़ दी दुनिया,
वफ़ा की राह मैं घायल वो प्यार आज भी है॥
मुझ को मालूम है यह गम है कोई सौगात नहीं,
तुम मुझे अपना कहो अब ऐसे भी हालत नहीं
पानी में अक्स देख के खुश हो रहा था में,
पत्थर किसी ने मारा तो मंज़र बदल गया
तेरी यादों की बारिश सावन की तरह ना बरसती,
काश ख्यालों के दरिया को तुम साहिल ना बनाती,
दिल चुराके ना दिल तोड़ती तो ये बेबसी ना होती,
प्यार के खेल में तेरी जीत और मेरी हार ना होती...
achha laga...badhai
ReplyDeleteरानी जी ब्लॉग जगत में आपका तहे दिल से स्वागत है ...यूं ही अपनी भावनाओ. ... को शब्दों से रंगते रहिये ... यूं ही लिखते रहिये.. कभी वकत मिले तो इस ब्लॉग पर भी जरुर आये....
ReplyDeletehttp//balsajag.blogspot.com
narayan narayan
ReplyDeleteमान्यवर, हिंदी ब्लॉगिंग जगत में आपका स्वागत है. आशा है कि हिंदी में ब्लॉगिंग का आपका अनुभव रचनात्मकता से भरपूर हो.
ReplyDeleteकृपया मेरा प्रेरक कथाओं और संस्मरणों का ब्लौग देखें - http://hindizen.com
आपका, निशांत मिश्र
हम प्यार करना सीखें,हममें,अपने आप में,अपनी आत्मा और जीवन में,परिवार में, समाज में और ईश्वर में,दसों-दिशाओं में प्रेम बिखेरना और उसकी लौटती प्रतिध्वनि का भाव-भरा अमृत पीकर धन्य हो जाना,यही जीवन की सफलता हैं।
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..